सिर्फ़ एक ही कहानी

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बहुत लिखता हूँ में, कुछ सुनने को, इक नया किस्सा, सबको बतलने को. कभी ग़ज़ल कभी शेर लिखता हूँ में बहुत

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Madhur Chadha

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