बेगाने बन के बैठे हैं - कीर्ति गुप्ता

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जो दिल से थे कभी अपने बेगाने बन के बैठे हैं ज़रा सी बात पर देखो वो कैसे तन के बैठे है । जहाँ एहसास बि

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