हॉकी का पर्याय ‘ध्यानचंद’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। हॉकी का नाम सुनते ही जेहन में ध्यानचंद की छवि सहज ही उभर आती है। एक खिलाडी के रूप में गोल करने की उनकी शैली और कला दुसरे सभी खिलाडियों से बिल्कुल अलग और अद्भुत थी इसीलिए उन्हें “हॉकी के जादूगर” के नाम से भी जाना जाता है