स्पीति की यात्रा करने के बहुत पहले से वहाँ की दो तस्वीरें मेरे मन में घर कर चुकी थीं। एक तो हरे भरे खेतों के बीचों उठती लांग्ज़ा में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा तो दूसरी पहाड़ की संकरी चोटी पर लटकता हुआ सा प्रतीत होता धनकर का बौद्ध मठ जिसे यहाँ धनखर के नाम से भी जाना जाता है।