दुनिया का कोई भी इंसान हो, उसकी प्रवृत्ति में यह बात जन्मजात रूप से शामिल रहा करती है कि वह जिस मिट्टी से पैदा हुआ और जहां की मिट्टी में अपने हाथ सान कर बचपन से जवानी के पड़ाव तक पहुंचा, वहां की मिट्टी से उसे कुछ खास और आंतरिक लगाव हो जाता है।
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