कंगाल होकर मैं कैसे जिन्दा रहूँगा

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कुछ लोग कुछ पैसा धन दौलत या बिज़नस में थोडा नुकसान होने पर पागल से हो जाते हैं और लगता हैं जैसे हम लुट गए हैं और अब जीने का कोई मतलब नहीं हैं लेकिन यही हमारी परीक्षा की घडी होती हैं और इसी क्षण हमें अपने धर्य और हौंसलो से इन कठिनाइयों को जीतना होता हैं और वो सफलता ही हमें सफल बनाती हैं।

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Mahesh Yadav

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