FRIDAY ....... तुम ही सो गये दास्ताँ कहते कहते। गज़लकार वसन्त नहीं रहे....

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गीत एवं गज़ल के चर्चित हस्ताक्षर - वसन्त (मुरलीगंज) इस दुनिया में अब नहीं रहे- यह कहते ही जुबान लड़ख

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arvind srivastava

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