ऐ ग़मज़दा दिल

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ऐ ग़मज़दा दिल, तू मेरा अपना है, चाहे हिन्दू का है या मुसलमा का है!  हर मज़हब का खुदा मुहब्बत है, ये

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Anjana Dayal de Prewitt

blogs from Virginia, USA