गर तूँ बेदिल होता

3

गर तूँ बेदिल होता तेरा दिल किसी को देख कर ना धड़कता ना किसी पर जाँ निसार करता ना बेकरार रहता ना याद

Read this post on nirantarajmer.com


डा.राजेंद्र तेला

blogs from ajmer

Recommended for you