17. कोणार्क सूर्य मन्दिर : ऊर्मि भर तपस्विनी, काल भर प्रेम और पहला अर्घ्य

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रश्मियाँ ठीक पूर्व दिशा में पंक्तिबद्ध हुईं और अर्घ्य अंजलियाँ उठने लगीं। मनुष्य की भौतिक देह प

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Girijesh Rao

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