ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल कुर्बान -मन्ना डे

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' जिन्दगी कैसी है पहेली , कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये कभी देखो मन नही चाहे पीछे -- पीछे सपनों के भाग

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Randhir Singh Suman

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