हाँ, अब भी तुझे चाहने की वेबकूफीया मैं दिन में सौ बार करता हूँ।

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हाँ, अब भी मैं नादान दिल को दिलासायें देता हूँ, हाँ, अब भी तेरे वापस लौटने की राहें देखता हूँ। हाँ, अ

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