चूनर धानी ओढ़कर, आया फाल्गुन मास: फाल्गुन के कुछ दोहे : विरह के रंग

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चूनर धानी ओढ़कर, आया फाल्गुन मास बीता शीत शरद शिशिर, मौसम में मधुमास ॥ पी ली जल की गागरी, मिटी न तन की

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Neeraj Kumar Neer नीरज कुमार नीर

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