धूप को वो छोड़ के घर आ गया ...

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फोड़ के सभी का वो सर आ गया उसमें पत्थरों का असर आ गया बोल दो चिराग से छुप कर रहे तेज़ आंधियों का शहर आ ग

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Digamber Naswa

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