वादी ए गुल में मुस्कुराहटें नहीं , शहर भर का पारा गिरकर तेरे कदमो में सिमटा हो जैसे । हवा के सर्द

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वादी ए गुल में मुस्कुराहटें नहीं , शहर भर का पारा गिरकर तेरे कदमो में सिमटा हो जैसे । हवा के सर्

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