कविता : बेमानी सन्दर्भ

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मेरे लिए फिर नही लौटा बयारो वाला मौसम लाख चाहने पर भी मिट्टी से नही उठी सौंधी गमक न ही इन्द्रधनु

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Mukesh Kumar Tiwari

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