एक शिक्षाप्रद कहानी - कर्म का फल | Motivational Story In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

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भीष्म पितामह रणभूमि में शरशैया पर पड़े थे। हल्का सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी सी छोड़ देते। ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे थे। श्री कृष्ण भी दर्शनार्थ आये। उनको देखकर भीष्म जोर से हँसे और कहा.... आइये जगन्नाथ।.. आप तो सर्व ज्ञाता हैं। सब जानते हैं, बताइए मैंने ऐसा क्या पाप किया था जिसका दंड इतना भयावह मिला?

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