पृथ्वी के वातावरण को बर्बाद करके मंगल की ओर पाँव पसारता मनुष्य, क्या यह पैसे और जीवन की बर्बादी नहीं हैं? इंसान ने जब पहली बार इस धरती पर कदम रखा था तो उसके पास तन ढकने के लिए कोई परिधान या वेशभूषा तक नहीं थी। उसे एक तरकीब (उपाय) सूझी और उसने पेड़ों के पत्तों को अपने गुप्तांगों पर बांधकर उसे छुपाना शुरू कर दिया।