Brilliant poem मेरे घर में पाँच जोड़ी आँखें हैं / धूमिल

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धूमिल की कलम  में संवेदनशीलता रोशनाई की जगह बहती है।  अमूमन उनकी सभी कविताएँ समाज और सियासत पर तब

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Ashwini Kumar

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