गीली मिट्टी

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गीली मिट्टी कभी आंखों में नव अंकुर सी रेखांकित कर देती पल-पल को गीली मिट्टी! सपने पलने लगते अपन

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राजेन्द्र सिंह 'फरियादी'

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