राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी की प्रसिद्ध रचना “रश्मिरथी” (जिसका रथ रश्मि का हो अथार्थ सूर्य की किरणों का हो) से “वर्षों तक वन में घूम-घूम” हिन्दी कविता को जब भी पढ़ते हैं, तो दृश्य कैसा हो रहा होगा, सब सामने चित्रित सा होने लगता हैं, विचारोत्तेजना का आभास सहज ही होने लगता हैं।