माथे पे ले के उम्मीद का पसीना...

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  माथे  पे  ले के  उम्मीद का पसीना , मुक़द्दर के अंगारे से भिड़ना है I  आँखों में ले के सावन का महीना , बादलों के तैयारे से भिड़ना है I  दिल मे...

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Neeraj Kumar

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