महामारी के बीच दुनिया, राजनीति और आंदोलन

Top Post on IndiBlogger
5

भूखे पेट पैदल मज़दूरों को दरकिनार कर लोग रामायण देखने में मशगूल रहे और जब प्रगतिशील समूहों और लोगों के कड़े विरोध के बाद ट्रेनें या बसें चलाईं गईं तो वे भी खस्ताहाल थीं और बिन पते के पहुंच रहीं थीं|

Read this post on indiafellow.org/blog


India Fellow

blogs from Delhi