मीनाक्षी सुंदरेश्वर दो ऐसे युवाओं की कथा है जिन्हें शादी के बाद अलग अलग रहना पड़ता है। पति पत्नी अलग अलग हैं फिर भी कोशिश कर रहे हैं कि उनके रिश्ते में जो प्रेम की लौ जल पड़ी है उसकी आँच को कम ना होने दें। राजशेखर की लेखनी के प्याले से हर पंक्ति में ये प्रेम छलका जाता है।